Kuber Aarti Hindi Lyrics, Aarti Kuber Ji Ki in Hindi

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Kuber Aarti Hindi Lyrics, Aarti Kuber Ji Ki in Hindi

Kuber Aarti Hindi Lyrics, Aarti Kuber Ji Ki in Hindi 

कहा जाता है कि धन की देवी लक्ष्मी ने धन संबंधी कार्यों का लेखा-जोखा भगवान कुबेर को सौंप रखा है जो स्वंय धनों के देवता कहे जाते हैं इसलिए धनतेरस के दिन धन प्राप्ति और लाभ पाने के लिए भगवान कुबेर की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है इसलिए धनतेरस की रात को माता लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा भी करनी चाहिए। इनकी पूजा करने से लोगो को धन की प्राप्ति होती हैं। यहाँ पर आप देखेंगे Kuber Aarti Hindi Lyrics, Aarti Kuber Ji Ki in Hindi, कुबेर जी की आरती, आरती कुबेर जी की हिंदी में। 


Kuber Aarti Hindi Lyrics

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Kuber Aarti  in English

Mace trident in hand,
Arms are very heavy,
Swami's weapons are very much

Grief fear crisis redemption,
Bow bow
4 O Jai Yaksha Kubera Hare ...

All kinds of dishes made a lot,
Swami dishes made a lot.

Mohan indulgence,
Together Urad Chana
4 O Jai Yaksha Kubera Hare ...

Force giver,
I am your refuge,
Swami, we have shelter for you
Of his devotees,
All work is done
4 O Jai Yaksha Kubera Hare ...

The beauty of Mukut Mani,
Motian necklace hug,
Swami Motian Necklace Hug.

If Kapoor's wick,
Burn ghee holdings
4 O Jai Yaksha Kubera Hare ...

Aarti of Yaksha Kubera Ji,
Whoever is a male villager,
Swami who is a male villager.

Kahat Prempal Swami,
Get the desired fruit.
4 Iti Shri Kubera Aarti 4

Kuber Aarti Hindi Lyrics


श्री भगवान धन्वंतरि जी की आरती
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
 
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
 
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
 
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
 
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
 
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
 
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

धन के भंडार भगवान कुबेर की आरती  
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।

शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

Aarti Kuber Ji Ki in Hindi 

गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे।

दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने।

मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े,
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले।

अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे।
॥ इति श्री कुबेर आरती ॥

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